लेन-देन विश्लेषण (Transactional Analysis) एक मनोवैज्ञानिक विधा है जो इस बात पर केंद्रित होती है कि लोग एक-दूसरे से कैसे संवाद करते हैं और उनके बीच की बातचीत कैसे काम करती है। यह विचार इस सिद्धांत पर आधारित है कि हर बातचीत एक 'लेन-देन' है – यानी विचारों, भावनाओं और व्यवहारों का आदान-प्रदान।
इस सिद्धांत में व्यक्ति के तीन प्रमुख मनोवैज्ञानिक भाग माने जाते हैं: माता-पिता (Parent), वयस्क (Adult), और बच्चा (Child)। ये तीनों अवस्थाएँ हमारे संवाद करने के तरीके को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, हम कभी-कभी निर्देशात्मक या आलोचनात्मक 'माता-पिता', तर्कसंगत 'वयस्क', या भावनात्मक 'बच्चे' की भूमिका में होते हैं।
लेन-देन विश्लेषण व्यक्ति को यह समझने में मदद करता है कि वह किन मानसिक अवस्थाओं से संचालित हो रहा है और किस तरह की प्रतिक्रिया देता है। यह आत्म-जागरूकता को बढ़ाता है और व्यक्ति को यह सिखाता है कि वह कैसे बेहतर और संतुलित ढंग से संवाद कर सकता है।
यह विधि व्यक्तिगत संबंधों के साथ-साथ पेशेवर जीवन में भी उपयोगी हो सकती है। यह हमें पुराने व्यवहार पैटर्न को समझने, तोड़ने और स्वस्थ विकल्प चुनने की क्षमता देती है।
लेन-देन विश्लेषण एक गहन आत्मविकास प्रक्रिया है जो भावनात्मक समझ, आत्म-स्वीकृति और प्रभावशाली संवाद कौशल को बढ़ावा देती है।