ब्रेनस्पॉटिंग

ब्रेनस्पॉटिंग एक विशिष्ट मनोरोग चिकित्सा पद्धति है, जिसे 2003 में डेविड ग्रैंड द्वारा विकसित किया गया था। यह तकनीक इस विचार पर आधारित है कि आँखों की विभिन्न दिशा में नज़र रखने से अवचेतन मन में संगृहीत भावनात्मक अनुभवों और तनाव को उजागर किया जा सकता है। “Brainspot” वह दृश्य स्थिति है जहाँ व्यक्ति के दिमाग में कोई विशेष भावना या स्मृति सक्रिय हो जाती है।

चिकित्सा सत्र की शुरुआत अक्सर चिकित्सा की मुख्य समस्या या लक्षित भावना की पहचान के साथ होती है। चिकित्सक एक पॉइंटर या उंगली की मदद से व्यक्ति को विभिन्न बिंदुओं पर नज़र रखने का निर्देश देता है। इस दौरान, व्यक्ति के शरीर की प्रतिक्रियाएँ–जैसे मांसपेशियों का तनाव, श्वसन परिवर्तन या सूक्ष्म भाव-भंगिमाएँ–चिकित्सक द्वारा गौर से देखी जाती हैं।

जब व्यक्ति एक विशेष ब्रेनस्पॉट पर ध्यान केंद्रित करता है, तो उस बिंदु से जुड़ी भावनाएँ या संस्मरण उभरते हैं। चिकित्सक धीरे-धीरे मार्गदर्शन करते हुए व्यक्ति को गहरी साँस लेने, शरीर में हो रहे बदलावों को महसूस करने और एमडीआर जैसे चालित प्रक्रियाओं का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

ब्रेनस्पॉटिंग का उपयोग अक्सर पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), चिंता विकार, अवसाद, पुरानी दर्द, प्रदर्शन चिंता और वासनाओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है, जिन्हें पारंपरिक बातचीत आधारित उपचार से अपेक्षित लाभ नहीं मिलता।

सर्वेक्षणों और अनुसंधानों से संकेत मिलता है कि नियमित ब्रेनस्पॉटिंग सत्रों से मानसिक तनाव का स्तर कम होता है और भावनात्मक स्थिरता में सुधार होता है। कई शोधों में रिपोर्ट किया गया है कि ट्रेन किए गए सहनशीलता और आत्म-जागरूकता में भी सकारात्मक वृद्धि होती है।

एक विशिष्ट सत्र में लगभग 60 से 90 मिनट का समय लिया जाता है। पहले प्रारंभिक चर्चा और विश्राम तकनीकों के अभ्यास के बाद, चिकित्सक निर्देशित दृष्टि और शारीरिक प्रतिक्रियाओं के संयोजन से व्यक्ति को ब्रेनस्पॉट खोजने में मदद करता है।

ब्रेनस्पॉटिंग को व्यक्तिगत चिकित्सा सत्रों के अलावा समूह कार्यशालाओं में भी आयोजित किया जा सकता है। समूह सेटिंग में, प्रतिभागी समान अनुभवों को साझा कर सकते हैं, जिससे सामूहिक उपचार का लाभ मिलता है।

यह तकनीक अन्य मौजूदा उपचार विधियों जैसे कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT), इमर्जिंग मूवमेंट डिसेंसेटाइजेशन और रिइंप्रेशन (EMDR) या शारीरिक चिकित्साओं के साथ जोड़ी जा सकती है, जिससे बहुआयामी उपचार योजना बनाई जा सके।

ब्रेनस्पॉटिंग प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा ही सुरक्षित रूप से संचालित किया जाना चाहिए, जो मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रमाणित होते हैं और नियमित तौर पर सुपरविजन प्राप्त करते हैं।

कुल मिलाकर, ब्रेनस्पॉटिंग मनोवैज्ञानिक उपचार में एक प्रगतिशील और प्रभावी विधि साबित हुई है, जो न केवल भावनात्मक, बल्कि शारीरिक स्तर पर भी गहन प्रक्रमण की सुविधा प्रदान करती है, जिससे दीर्घकालिक मानसिक स्वास्थ्य सुधार संभव होता है।

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