रेशनल इमोशनल बिहेवियर थेरेपी (REBT) एक मनोचिकित्सकीय पद्धति है जो लोगों की उन अवास्तविक और नकारात्मक मान्यताओं को पहचानने और बदलने में मदद करती है, जो मानसिक तनाव और व्यवहार संबंधी समस्याओं का कारण बनती हैं। इस पद्धति को 1950 के दशक में अल्बर्ट एलिस ने विकसित किया था।
REBT का मुख्य विचार यह है कि हमारी भावनात्मक पीड़ा घटनाओं के कारण नहीं, बल्कि उन घटनाओं के बारे में हमारी सोच और धारणाओं के कारण होती है। उदाहरण के लिए, "मुझे सभी को पसंद आना चाहिए" या "मुझे कभी असफल नहीं होना चाहिए" जैसी सोचें अवास्तविक उम्मीदें बनाती हैं, जो निराशा, चिंता और अपराधबोध को जन्म देती हैं।
REBT में मनोचिकित्सक व्यक्ति की इन अवास्तविक मान्यताओं की पहचान करता है और उन्हें तर्कसंगत ढंग से चुनौती देता है। यह प्रक्रिया 'विचार पुनर्गठन', 'तर्क द्वारा विरोध', और 'होमवर्क अभ्यास' जैसी तकनीकों के माध्यम से होती है। व्यक्ति को यह सिखाया जाता है कि नकारात्मक सोच को सकारात्मक और यथार्थवादी सोच से कैसे बदला जाए।
यह थेरेपी आमतौर पर अल्पकालिक होती है — लगभग 12 से 20 सत्र। यह विशेष रूप से चिंता, अवसाद, रिश्तों की समस्याएं, आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास में कमी जैसे मुद्दों के लिए प्रभावी है।
REBT वर्तमान और भविष्य पर केंद्रित रहती है, ना कि केवल अतीत की घटनाओं पर। इसका उद्देश्य है व्यक्ति को यह समझाना कि वह अपनी भावनाओं और व्यवहार के लिए स्वयं उत्तरदायी है और बाहरी परिस्थितियों को दोष देने के बजाय अपनी सोच को बदलना अधिक उपयोगी होता है।
कुल मिलाकर, REBT एक व्यावहारिक और सशक्त उपचार पद्धति है जो व्यक्ति को मानसिक रूप से अधिक संतुलित और लचीला बनाने में सहायक है। जब व्यक्ति अपनी सोच में बदलाव लाता है, तो उसका मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है।