पेरेंट-चाइल्ड इंटरैक्शन थेरेपी (Parent-Child Interaction Therapy - PCIT) एक विशेष मनोचिकित्सीय पद्धति है जिसका उद्देश्य माता-पिता और उनके छोटे बच्चों (आमतौर पर 2 से 7 वर्ष के बीच) के बीच संबंधों को सुधारना और बच्चों के व्यवहारिक समस्याओं को कम करना है। यह थेरेपी उन बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो आक्रामकता, विरोध, जिद या एडीएचडी जैसे लक्षण प्रदर्शित करते हैं।
PCIT मुख्यतः दो चरणों में किया जाता है: चाइल्ड-डायरेक्टेड इंटरैक्शन (CDI) और पेरेंट-डायरेक्टेड इंटरैक्शन (PDI)। पहले चरण में माता-पिता को यह सिखाया जाता है कि कैसे वे अपने बच्चे के साथ सकारात्मक ढंग से बातचीत करें, प्रशंसा करें, और अच्छे व्यवहार को प्रोत्साहित करें। चिकित्सक इस बातचीत को देखता है और माता-पिता को आवश्यक फीडबैक देता है।
दूसरे चरण में माता-पिता को यह सिखाया जाता है कि कैसे वे नकारात्मक व्यवहार की सीमाएं तय करें और उचित दंड प्रदान करें। यह भी सिखाया जाता है कि बच्चे की उम्र और विकास के अनुसार किस प्रकार की अनुशासन प्रणाली अपनाई जाए, जिससे नकारात्मक व्यवहार में कमी आए और सकारात्मक व्यवहार को बल मिले।
PCIT की विशेषता यह है कि थेरेपी के दौरान माता-पिता को वास्तविक समय में मार्गदर्शन मिलता है। चिकित्सक माता-पिता को हेडसेट के माध्यम से निर्देश देता है जब वे अपने बच्चे के साथ खेल क्षेत्र में होते हैं। इस तकनीक से माता-पिता व्यवहार प्रबंधन के कौशल को प्रभावी ढंग से सीख सकते हैं।
PCIT एक साक्ष्य-आधारित उपचार है जिसे प्रभावी माना गया है। यह माता-पिता और बच्चे के बीच विश्वास और प्रेम को बढ़ाता है तथा बच्चे के सामाजिक और भावनात्मक विकास को सशक्त बनाता है। यह थेरेपी आमतौर पर 12 से 20 सत्रों में पूरी होती है, जो परिवार की आवश्यकता के अनुसार भिन्न हो सकती है।