जुंगियन मनोविज्ञान (Jungian Psychology), स्विस मनोचिकित्सक कार्ल गुस्ताव जुंग द्वारा विकसित एक गहरी और प्रतीकात्मक रूप से समृद्ध उपचार पद्धति है। यह सिद्धांत मानता है कि मानव मन तीन हिस्सों में विभाजित है: चेतन मन (conscious mind), व्यक्तिगत अचेतन (personal unconscious), और सामूहिक अचेतन (collective unconscious)। सामूहिक अचेतन में वे सार्वभौमिक अनुभव और प्रतीक शामिल होते हैं जो पूरी मानवता में साझा होते हैं।
इस पद्धति में “स्व” की खोज और आत्म-समझ को प्राथमिकता दी जाती है, जिसे जुंग "इंडिविडुएशन" की प्रक्रिया कहते हैं — यानी अपने चेतन और अचेतन पहलुओं को एकीकृत कर के पूर्णता प्राप्त करना। यह प्रक्रिया ड्रीम एनालिसिस, प्रतीकों की व्याख्या, और रचनात्मक कल्पना के माध्यम से की जाती है।
जुंगियन थेरेपी में सपनों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ये हमारे अचेतन की सीधी झलक होते हैं। चिकित्सक व्यक्ति के सपनों, कल्पनाओं और चित्रों के माध्यम से उसके आंतरिक संघर्षों और छिपी भावनाओं को समझने में सहायता करता है।
यह उपचार पद्धति कला, लेखन और मिथकीय कहानियों जैसे प्रतीकात्मक उपकरणों का उपयोग करती है ताकि व्यक्ति स्वयं के गहरे अर्थों को खोज सके। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होती है जो जीवन में उद्देश्य, पहचान या आध्यात्मिक मार्गदर्शन की तलाश में होते हैं।
जुंगियन दृष्टिकोण यह भी मानता है कि व्यक्ति समाज से अलग नहीं होता, बल्कि उसका हिस्सा होता है। इसलिए, व्यक्ति की संस्कृति, सामाजिक भूमिका और सामूहिक प्रतीकों से उसका संबंध भी उपचार का एक हिस्सा होता है।
संक्षेप में, जुंगियन मनोविज्ञान एक समग्र, गहराई से जुड़ा और आत्म-खोज की ओर प्रेरित करने वाला उपचार पथ है, जो व्यक्ति को आत्मबोध और आंतरिक संतुलन की ओर ले जाता है।