इंटरपर्सनल थेरेपी (Interpersonal Therapy - IPT) एक संरचित और समय-सीमित साइकोथेरेपी है जो व्यक्ति की सामाजिक संबंधों पर केंद्रित होती है। इसका उद्देश्य है कि व्यक्ति अपने रिश्तों को बेहतर बनाकर मानसिक और भावनात्मक समस्याओं में सुधार ला सके। यह थेरेपी विशेष रूप से डिप्रेशन, चिंता, खाने के विकार और भावनात्मक संघर्षों के लिए प्रभावी मानी जाती है।
IPT का मूल सिद्धांत यह है कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता, हमारे सामाजिक संबंधों की गुणवत्ता से जुड़ी होती है। रिश्तों में तनाव, किसी प्रियजन की मृत्यु, विवाह में समस्याएँ, या सामाजिक अलगाव जैसे अनुभव हमारे मानसिक संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। IPT व्यक्ति को यह समझने में मदद करती है कि इन संबंधों के भीतर कौन-से मुद्दे हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है।
यह थेरेपी आमतौर पर 12 से 16 सत्रों में पूरी की जाती है। इन सत्रों के दौरान, चिकित्सक और क्लाइंट मिलकर चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं: शोक, संबंधों में संघर्ष, जीवन में भूमिकाओं का परिवर्तन (जैसे माता-पिता बनना या नौकरी बदलना), और सामाजिक समर्थन की कमी।
IPT की विशेषता यह है कि यह वर्तमान पर केंद्रित होती है — यह अतीत के बारे में केवल उतना ही चर्चा करती है जितना कि वर्तमान संबंधों को समझने के लिए आवश्यक हो। इसका उद्देश्य व्यक्ति को व्यावहारिक समाधान देना और रिश्तों में बदलाव लाना होता है।
संक्षेप में, इंटरपर्सनल थेरेपी एक प्रभावशाली, लचीली और व्यावहारिक उपचार विधि है जो लोगों को उनकी सामाजिक दुनिया में स्पष्टता, संतुलन और भावनात्मक मजबूती प्राप्त करने में सहायता करती है।