इंटरनल फैमिली सिस्टम्स (IFS) एक मनोचिकित्सात्मक दृष्टिकोण है जो यह मानता है कि हर व्यक्ति के भीतर कई "भाग" (parts) होते हैं — जैसे अलग-अलग व्यक्तित्व या भूमिकाएँ — जो उसकी सोच, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करते हैं। इन भागों में से कुछ हमारी रक्षा करते हैं, कुछ दर्दनाक अनुभवों से दूर रखते हैं, और कुछ उन अनुभवों को अपने भीतर छुपाकर रखते हैं।
IFS का लक्ष्य है कि व्यक्ति इन भागों को पहचान सके, समझ सके और उनमें संतुलन स्थापित कर सके। इस प्रक्रिया का केंद्र बिंदु है "स्व" (Self) — एक आंतरिक स्थिति जो शांत, करुणाशील, स्पष्ट और समझदार होती है। माना जाता है कि जब व्यक्ति अपने "स्व" से जुड़ता है, तब वह इन सभी भागों से संवाद कर सकता है और उनके दर्द को समझकर उन्हें ठीक कर सकता है।
IFS के अनुसार, भागों को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है: मैनेजर्स (जो नियंत्रण बनाए रखते हैं), फायरफाइटर्स (जो संकट की स्थिति में प्रतिक्रिया करते हैं), और एक्साइल्स (जो दर्दनाक यादों और भावनाओं को दबाकर रखते हैं)। हर भाग किसी न किसी तरीके से व्यक्ति की रक्षा करना चाहता है, भले ही वह तरीका सतही रूप से नकारात्मक क्यों न लगे।
IFS थेरेपी व्यक्ति को अपने भीतर मौजूद हिस्सों के साथ संवाद करने का अवसर देती है, जिससे आत्म-समझ और आत्म-स्वीकृति विकसित होती है। यह एक कोमल, सम्मानजनक और गहराई से कार्य करने वाली पद्धति है जो बिना निर्णय लिए healing की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करती है।
यह दृष्टिकोण अवसाद, चिंता, ट्रॉमा, व्यसनों और पहचान से जुड़ी समस्याओं के लिए प्रभावी पाया गया है। IFS को एक स्वतंत्र थेरेपी के रूप में या अन्य विधाओं के साथ मिलाकर भी उपयोग किया जा सकता है। यह व्यक्ति को अपने भीतर की आवाज़ों को समझने और उनके साथ सामंजस्य बनाने की ओर ले जाता है।