इंटीग्रेटिव साइकोथेरेपी (Integrative Psychotherapy) एक ऐसी उपचार विधि है जो विभिन्न मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों और तकनीकों को मिलाकर व्यक्ति की अनोखी आवश्यकताओं के अनुरूप एक समग्र और व्यक्तिगत उपचार दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह पद्धति इस विचार पर आधारित है कि कोई भी एकल सिद्धांत हर व्यक्ति की जटिल समस्याओं को पूरी तरह से हल नहीं कर सकता।
यह थेरेपी कई प्रमुख दृष्टिकोणों का संयोजन होती है, जैसे कि कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी, ह्यूमनिस्टिक थेरेपी, साइकोडायनामिक थेरेपी, और माइंडफुलनेस आधारित तकनीकें। इंटीग्रेटिव थेरेपिस्ट इन विधाओं को व्यक्ति की ज़रूरतों के अनुसार मिलाकर एक ऐसा उपचार मार्ग तैयार करते हैं जो पूरी तरह अनुकूलित हो।
इस दृष्टिकोण का एक मुख्य सिद्धांत यह है कि प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय है और इसलिए उसके लिए थेरेपी भी व्यक्तिगत होनी चाहिए। थेरेपिस्ट और क्लाइंट मिलकर एक साझेदारी बनाते हैं, जिसमें क्लाइंट के लक्ष्य, क्षमताएं और चुनौतियाँ पहचानी जाती हैं। यह तरीका क्लाइंट को आत्मनिर्णय और नियंत्रण का अनुभव कराता है।
यह विधि उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है जो एक से अधिक मानसिक या भावनात्मक समस्याओं से जूझ रहे हों — जैसे कि चिंता, अवसाद, आघात या आत्म-समझ से जुड़ी चुनौतियाँ। विभिन्न तकनीकों के संयोजन से एक व्यापक और प्रभावी उपचार योजना तैयार की जाती है।
कुछ सामान्य तकनीकों में शामिल हैं: संज्ञानात्मक पुनर्रचना, माइंडफुलनेस, कथा-आधारित थेरेपी, और पर्सन-सेंटर थेरेपी। चुनी गई विधियाँ क्लाइंट की व्यक्तिगत आवश्यकताओं और उपचार के लक्ष्यों के आधार पर तय की जाती हैं।
कुल मिलाकर, इंटीग्रेटिव साइकोथेरेपी एक सहयोगात्मक, लचीली और व्यक्ति-केंद्रित पद्धति है जो विभिन्न सिद्धांतों को मिलाकर एक समग्र और प्रभावी उपचार की राह प्रस्तुत करती है।