परिवार और वैवाहिक थेरेपी एक विशेष प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य सेवा है जो परिवारों और जोड़ों के बीच के संबंधों पर केंद्रित होती है। इसका उद्देश्य है परिवार के सदस्यों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करना, आपसी समझ बढ़ाना, और आपसी समस्याओं का समाधान खोजने में सहायता करना। इस थेरेपी का उपयोग संचार समस्याओं, बच्चों के व्यवहार संबंधी मुद्दों, पालन-पोषण की चुनौतियों, या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए किया जा सकता है।
वैवाहिक या दांपत्य थेरेपी विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए होती है जो अपने रिश्ते में संघर्ष या असंतोष का अनुभव कर रहे हैं। इसमें विश्वास की कमी, भावनात्मक दूरी, बेवफाई, या बार-बार होने वाले झगड़े जैसे मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की जाती है। उद्देश्य होता है कि दोनों साथी एक-दूसरे को बेहतर समझें, रचनात्मक तरीके से संवाद करें और अपने संबंध को मजबूत बनाएं।
थेरेपिस्ट इस प्रक्रिया में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। वे संवाद की गुणवत्ता सुधारने, व्यवहारिक पैटर्न को समझने, और रिश्तों में संतुलन लाने में मदद करते हैं। कई बार रोल-प्ले, विश्राम तकनीकें और घरेलू कार्य (homework) जैसी विधियों का उपयोग किया जाता है ताकि व्यक्ति नई रणनीतियों का अभ्यास कर सके।
यह थेरेपी अलग-अलग जगहों पर दी जा सकती है, जैसे निजी क्लीनिक, मानसिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल या अस्पताल। यह व्यक्ति, जोड़े, या पूरे परिवार के साथ की जा सकती है और सत्रों की अवधि समस्या की गहराई के अनुसार बदल सकती है।
इस पद्धति में यह स्वीकार किया जाता है कि पारिवारिक समस्याएँ कई कारणों से उत्पन्न होती हैं — जैसे आनुवंशिक प्रवृत्तियाँ, सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंड, पर्यावरणीय कारक आदि। इसलिए यह थेरेपी एक समग्र दृष्टिकोण अपनाती है, जिसमें व्यक्ति को केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे पारिवारिक संदर्भ में देखा जाता है। यह दृष्टिकोण न केवल संबंधों को सुधारता है, बल्कि व्यक्ति की मानसिक स्थिति को भी मजबूती देता है।