भावनात्मक रूप से केंद्रित

इमोशनली फोकस्ड थेरेपी (EFT) एक मनोचिकित्सा की विधि है जो अंतरंग संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव और सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित होती है। यह थेरेपी इस सिद्धांत पर आधारित है कि हमारे रिश्तों की गुणवत्ता हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित करती है।

EFT की शुरुआत 1980 के दशक में डॉ. सू जॉनसन और डॉ. लेस ग्रीनबर्ग द्वारा की गई थी। प्रारंभ में यह जोड़ों की मदद के लिए विकसित की गई थी, लेकिन अब इसे व्यक्तिगत, पारिवारिक और समूहिक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता है।

यह थेरेपी अटैचमेंट थ्योरी पर आधारित है, जो बताती है कि हमारे प्रारंभिक अनुभव हमारे संबंधों को कैसे आकार देते हैं और हम भावनात्मक सुरक्षा कैसे अनुभव करते हैं। EFT का उद्देश्य उन नकारात्मक व्यवहारों और संचार पैटर्न की पहचान करना और उन्हें बदलना है जो भावनात्मक दूरी और असुरक्षा का कारण बनते हैं।

थेरेपी में, क्लाइंट को अपनी भावनाओं को पहचानने, व्यक्त करने और रिश्ते में खुलेपन के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसमें एक्टिव रोल-प्ले, कल्पना और निर्देशित प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं जो गहरे भावनात्मक अनुभवों को उजागर करने में मदद करती हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि EFT विभिन्न प्रकार की समस्याओं जैसे कि पार्टनर के बीच टकराव, धोखा, भावनात्मक दूरी के साथ-साथ चिंता, अवसाद और PTSD में भी प्रभावशाली है।

यह थेरेपी करुणा से भरपूर और व्यावहारिक होती है, जो लोगों को गहरे, सुरक्षित और संतोषजनक रिश्ते बनाने में सहायता करती है – न केवल दूसरों के साथ, बल्कि स्वयं के साथ भी।

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