EMDR यानी आई मूवमेंट डिजेंसिटाइजेशन एंड रीप्रोसेसिंग एक विशेष मनोचिकित्सा तकनीक है, जिसे उन लोगों की मदद के लिए विकसित किया गया है जो किसी गहरे मानसिक आघात से गुज़रे हैं। इसकी शुरुआत 1980 के दशक के अंत में मनोवैज्ञानिक फ्रैंसिन शैपिरो ने की थी और अब यह PTSD (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर), चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं के लिए एक प्रभावशाली तरीका माना जाता है।
EMDR थेरेपी में मरीज को अपने किसी पुराने दर्दनाक अनुभव पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जाता है, और साथ ही आंखों की गति, टैपिंग या ध्वनि संकेतों के ज़रिए दिमाग को दोहराए जाने वाले पैटर्न में उत्तेजित किया जाता है। यह प्रक्रिया दिमाग में 'फंसी' हुई यादों को पुनः संसाधित करने में मदद करती है और उनसे जुड़ी नकारात्मक भावनाएं धीरे-धीरे कम हो जाती हैं।
थेरेपी के दौरान, प्रशिक्षित चिकित्सक मरीज का मार्गदर्शन करता है ताकि वह सुरक्षित माहौल में अपने अनुभव को महसूस और समझ सके। जैसे-जैसे प्रक्रिया दोहराई जाती है, व्यक्ति की भावनात्मक प्रतिक्रिया कमजोर होती जाती है और उसे अपने जीवन पर नियंत्रण की भावना वापस मिलने लगती है।
EMDR का उपयोग कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे कि फोबिया, बचपन के आघात, दुर्व्यवहार, दुर्घटनाएं, या कोई अन्य दर्दनाक अनुभव। यह पारंपरिक टॉक थैरेपी की तुलना में तेज़ी से काम कर सकती है – कभी-कभी कुछ ही सत्रों में सकारात्मक बदलाव दिखने लगते हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि EMDR थेरेपी केवल किसी प्रमाणित और प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से ही करवाई जाए, ताकि इसका अधिकतम लाभ मिल सके और व्यक्ति को सुरक्षित व प्रभावशाली उपचार मिल सके।