सेक्सोलॉजिस्ट वह विशेषज्ञ है जो मानवीय यौन व्यवहार, कामेच्छा, लैंगिक पहचान और अंतरंग संबंधों को जैविक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टिकोण से गहराई से समझता और संबोधित करता है। आमतौर पर ‘सेक्स विज्ञानी’ शब्द प्रयोग किया जाता है, किंतु चिकित्सकीय अथवा मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि वाला कोई भी पेशेवर—जिसने यौन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा में उन्नत प्रशिक्षण तथा सतत् सुपरविज़न प्राप्त किया हो—इस भूमिका को निभा सकता है।
एक सत्र की शुरुआत विस्तृत मूल्यांकन से होती है: हार्मोन स्थिति, दवा‑प्रयोग, चिकित्सीय इतिहास, सम्बन्ध पैटर्न, सांस्कृतिक‑धार्मिक मान्यताएँ, यौन शिक्षा का स्तर, और वर्तमान तनाव‑उत्प्रेरक कारक। सेक्सोलॉजिस्ट आवश्यकता पड़ने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, यूरोलॉजिस्ट, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या मनोचिकित्सक से सहयोग लेकर शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक पक्षों का संतुलित समाधान सुनिश्चित करता है।
उपचार योजना बहुआयामी होती है। इसमें संज्ञानात्मक‑व्यवहारिक तकनीकें, ‘सेंसैट‑फोकस’ जैसे स्पर्श‑केंद्रित अभ्यास, युगल संवाद कौशल प्रशिक्षण, माइंडफुलनेस आधारित विधियाँ, या आघात‑उन्मुख EMDR सम्मिलित हो सकते हैं। लक्ष्य केवल रोग‑लक्षण घटाना नहीं, बल्कि यौनिकता के प्रति सकारात्मक नज़रिया, आत्म‑सम्मान तथा संबंध‑संतोष को बढ़ाना है।
सेक्सोलॉजिस्ट का महत्वपूर्ण पक्ष शिक्षा और जनजागरण भी है। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक मंचों पर वह ‘सहमति’ (consent) की अवधारणा, सुरक्षित यौन व्यवहार, यौन संचारित संक्रमणों की रोकथाम, गर्भनिरोध विकल्प, और लैंगिक‑विविधता स्वीकार्यता पर कार्यशालाएँ आयोजित करता है। मिथकों—जैसे ‘सामान्य’ सेक्स ड्राइव या प्रदर्शन अपेक्षाएँ—का खंडन कर मानसिक स्वास्थ्य एवं संबंध गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है।
अनुसंधान क्षेत्र में सेक्सोलॉजिस्ट कामोत्तेजना‑विकार, इच्छा‑ह्रास, दर्दयुक्त संभोग, पोस्ट‑पार्टम यौन स्वास्थ्य, वृद्धावस्था में अंतरंगता, तथा LGBTQIA+ समुदाय की विशिष्ट आवश्यकताओं पर अध्ययन करता है। शोध‑परिणामों को सीधे नैदानिक मार्गदर्शन एवं सार्वजनिक नीतियों में समाहित कर समाज के व्यापक वर्ग को लाभ पहुँचता है।
पेशेवर आचार‑संहिता सेक्सोलॉजिस्ट के कार्य का मौलिक आधार है: गोपनीयता, सहमति, सांस्कृतिक‑संवेदनशीलता, गैर‑दामनकारी दृष्टिकोण और निरंतर प्रशिक्षण। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा विश्व यौन स्वास्थ्य संघ जैसी संस्थाओं के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए वह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक व्यक्ति—चाहे आयु, लिंग, यौन अभिरुचि या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि कोई भी हो—सम्मान और सुरक्षा का अनुभव करे।
संक्षेप में, सेक्सोलॉजिस्ट वैज्ञानिक ज्ञान, करुणा और सामाजिक‑संवाद कौशल का उपयोग कर लोगों को संतोषजनक, सुरक्षित एवं सकारात्मक यौन जीवन की ओर मार्गदर्शन करने वाला विशिष्ट पेशेवर है। उसका उद्देश्य शर्म या भ्रम को कम कर आत्म‑विश्वास, अंतरंगता और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है।