सम्मोहन चिकित्सक

हिप्नोथैरेपिस्ट वह प्रशिक्षित विशेषज्ञ है जो नियंत्रित सम्मोहन (हिप्नोसिस) की अवस्था में पहुँचाकर मानसिक एवं व्यवहारिक बदलाव की दिशा में काम करता है। सम्मोहन कोई जादू नहीं, बल्कि केंद्रित सजगता की वह अवस्था है जहाँ चेतन मन का फिल्टर ढीला पड़ जाता है और अवचेतन सूचनाओं को सीधे ग्रहण करता है। इसे ऑटो‑पायलट पर कार चलाते समय ‘ध्यान‑भंग‑मुक्त ड्राइव’ या अच्छी पुस्तक में डूबने के अनुभव से समझा जा सकता है।

सत्र की शुरुआत विस्तृत केस‑हिस्ट्री से होती है: समस्या, पृष्ठभूमि, प्रेरणा, स्वास्थ्य‑गत कारक, और सांस्कृतिक‑आस्थाएँ। उसके बाद थैरेपिस्ट भरोसा कायम करता है—बताता है कि सम्मोहन में क्लाइंट की जागरूकता बनी रहती है; सम्मोहन के दौरान वह इच्छानुसार सत्र रोक सकता है। प्रेरक सुझाव (suggestibility) का स्तर सूक्ष्म परीक्षणों, जैसे हाथ का स्वत: ऊपर उठना, से आँका जाता है।

इंडक्शन विधियों में धीमे श्वास‑गणना, प्रगतिशील मांसपेशी शिथिलन, आंखों की क्रमिक बंदी, या विज़ुअलाइजेशन शामिल हो सकते हैं। जैसे‑जैसे मस्तिष्क अल्फा और थीटा तरंगों में धँसता है, थैरेपिस्ट सुरक्षित, सकारात्मक चित्र प्रस्तुत करता है—“आप शांत झील के किनारे बैठे हैं…”। फिर उपचारक सुझाव दिए जाते हैं: स्मोकिंग छोड़ने के लिए सिगरेट के धुएँ को कसैले, अप्रिय स्वाद से जोड़ना; सामाजिक घबराहट के लिए मंच पर आत्मविश्वास से खड़े होने का आभास कराना; अनिद्रा के लिए सोने का अभिप्रेरित रूटीन बनाना।

कुछ प्रोटोकॉल अतीत‑अन्वेषण (age regression) का भी उपयोग करते हैं—पूर्व अनुभव को फिर से देखने, समझने और दुबारा अर्थ देने के लिए। थैरेपिस्ट सावधानी से मार्गदर्शन करता है ताकि पुन:चोट न हो और समाधान‑केंद्रित अंत संभव हो। पोस्ट‑हिप्नोटिक संकेत (जैसे उँगली छूते ही गहरी साँस लेना) अनुकूल प्रतिक्रियाओं को रोजमर्रा के जीवन में लंगर डालते हैं।

भारत में हिप्नोथैरेपी के लिए अधिकांश प्रशिक्षक मनोविज्ञान/चिकित्सा पृष्ठभूमि के होते हैं और अंतरराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त संस्थानों (NGH, IMDHA) से डिप्लोमा प्राप्त करते हैं। पाठ्यक्रम में न्यूनतम 200 कक्षा घंटे, 50 सुपरवाइज़्ड केस, और व्यक्तिगत सम्मोहन अनुभव शामिल होते हैं। नैतिक संहिता—सूचित सहमति, गोपनीयता, सांस्कृतिक‑प्रतीकों का सम्मान—अनिवार्य है।

अनुसंधान बताता है कि हिप्नोथैरेपी धूम्रपान‑त्याग, वज़न‑प्रबंधन, क्रॉनिक दर्द, विषम लत, परीक्षा भय, और प्रसव‑पूर्व चिंता में लाभकारी है। हालाँकि यह पैनसिया नहीं; गंभीर मनोविकृति, सीमावर्ती व्यक्तित्व विकार, या अस्थिर चिकित्सीय स्थितियों में विशेषज्ञ सलाह ज़रूरी है।

यदि आप पा रहे हैं कि तर्क‑संगत स्तर पर बदलाव चाहने के बावजूद आदतें टस‑से‑मस नहीं हो रहीं, या पुराने डर जीवन को बाँध रहे हैं—हिप्नोथैरेपिस्ट के साथ काम कर अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग को पुनःलेखन संभव है। यह ‘आंतरिक संपादक’ आपके शब्दों, प्रतीकों और शारीरिक अनुभूतियों के माध्यम से परिवर्तन की नई पटकथा लिखता है, जिससे लक्ष्यों तक पहुँचना सहज, सुंदर और स्थायी हो सकता है।

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