सोशल वर्कर (सामाजिक कार्यकर्ता) वह पेशेवर है, जो व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों की सामाजिक कार्य‑क्षमता एवं समग्र कल्याण को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर हस्तक्षेप करता है। मनोवैज्ञानिक परामर्श जहाँ मुख्यतः आत्म‑केंद्रित प्रक्रियाओं पर ध्यान देता है, वहीं सोशल वर्कर व्यक्ति‑पर्यावरण अंतःक्रिया—आर्थिक स्थिति, सामाजिक नीति, सांस्कृतिक मान्यताएँ, पारिवारिक संरचना—का विश्लेषण कर बहुआयामी समाधान प्रस्तुत करता है। सहायता लेने वाले लोग भिन्न‑भिन्न स्थितियों में होते हैं: बेरोज़गारी, आवास संकट, पारिवारिक हिंसा, नशा‑उपयोग, मानसिक स्वास्थ्य समस्या, या सामाजिक बहिष्करण।
कार्य‑प्रक्रिया एक विस्तृत आकलन से प्रारंभ होती है, जो केवल वर्तमान समस्या नहीं, बल्कि ग्राहक की सामुदायिक संसाधन, सामाजिक नेटवर्क, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, कानूनी अधिकार और शक्ति‑संपन्नता को भी सम्मिलित करती है। सोशल वर्कर ग्राहक के साथ मिलकर SMART (विशिष्ट, मापन‑योग्य, प्राप्य, यथार्थवादी, समयबद्ध) लक्ष्य निर्धारित करता है—उदाहरणार्थ सरकारी लाभ योजनाओं तक पहुँच, बजट प्रबंधन, परिवारिक संवाद सुधार, या पुनर्वास सेवाओं का उपयोग।
हस्तक्षेप के मुख्य रूपों में केस मैनेजमेंट, सामुदायिक आयोजन, समूह कार्य, व्यक्ति या पारिवारिक सलाह‑दर्शन, और नीति‑सद्भावना (advocacy) शामिल हैं। अस्पतालों में सोशल वर्कर रोगियों को चिकित्सकीय वित्तपोषण समझने, दीर्घकालिक देखभाल योजना बनाने और पारिवारिक सहायता को समन्वित करने में मदद करता है। स्कूलों में वह शिक्षा‑सर्वांगीण समर्थन, बाल संरक्षण और उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति विकसित करता है। आपदाओं या संकट की घड़ी में सोशल वर्कर आश्रय, भोजन, मनोसामाजिक समर्थन और कानूनी रक्षा तक तुरंत पहुँच सुनिश्चित करता है।
व्यावसायिक योग्यता हेतु सामान्यतः सोशल वर्क (MSW या समकक्ष) में स्नातकोत्तर डिग्री, पर्यवेक्षण‑युक्त इंटर्नशिप और नैतिक आचार‑संहिता का अनुपालन आवश्यक है। भारत में सोशल वर्कर विभिन्न परिषदों या संस्थानों—जैसे भारतीय सामाजिक कार्य परिषद—की गाइडलाइन का पालन करते हैं, जिनमें गोपनीयता, आत्म‑निर्णय, सांस्कृतिक‑संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय जैसे सिद्धांत निहित हैं।
सोशल वर्कर की भूमिका केवल व्यक्तिगत सहायता तक सीमित नहीं; वह संरचनात्मक परिवर्तनों हेतु नीति‑स्तर पर साक्ष्य‑आधारित अनुशंसा प्रस्तुत करता है: उदाहरण के लिए, बाल श्रम निषेध कार्यान्वयन, वृद्धावस्था पेंशन सुव्यवस्था, या ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार। केस स्टडी और सांख्यिकीय डेटा के माध्यम से वह विधायकों और प्रशासकों को प्रभावित करता है, जिससे सामाजिक सुरक्षा जाल अधिक समावेशी बने।
संक्षेप में, सोशल वर्कर सहानुभूति, कानून‑ज्ञान, सामुदायिक दृष्टि और समाधान‑केंद्रित कदमों के संगम से व्यक्तियों और समाज के बीच पुल का काम करता है। उसका लक्ष्य बाधाओं को दूर कर, अवसरों का विस्तार कर, और सामाजिक न्याय को साकार कर हर व्यक्ति को गरिमापूर्ण, समर्थ और सुरक्षित जीवन की राह दिखाना है।