व्यक्तित्व विकार

व्यक्तित्व विकार

व्यक्तित्व विकार (Personality Disorders) वे मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ हैं, जिनमें व्यक्ति के स्थायी व्यवहार, सोच और भावनाएं सामान्य सामाजिक मानदंडों से भटकी हुई होती हैं और यह उनके व्यक्तिगत, सामाजिक या व्यावसायिक जीवन में बाधाएँ पैदा करती हैं। ये विकार अक्सर बचपन या किशोरावस्था में शुरू होते हैं और जीवन भर रह सकते हैं।

मुख्य व्यक्तित्व विकारों में शामिल हैं:

  • बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें तीव्र मूड स्विंग्स, अस्थिर रिश्ते, खुद को चोट पहुंचाने जैसी प्रवृत्तियाँ और परित्याग का गहरा डर शामिल होता है।
  • नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें स्वयं को श्रेष्ठ मानना, प्रशंसा की तीव्र लालसा, सहानुभूति का अभाव और दूसरों का शोषण शामिल हो सकता है।
  • एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन, लगातार झूठ बोलना, धोखाधड़ी और अपराध प्रवृत्ति शामिल होती है।
  • ऑब्सेसिव- compulsive पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें अत्यधिक अनुशासन, क्रमबद्धता, नियंत्रण की आवश्यकता और लचकहीनता प्रमुख है।
  • स्किज़ोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें भावनात्मक दूरी बनाए रखना, अलग-थलग रहना और अकेले समय बिताना पसंद करना शामिल होता है।
  • स्किज़ोटाइपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें विचित्र व्यवहार, सामाजिक दूरी और जादुई विचारधारणाएँ शामिल हो सकती हैं।
  • एवॉइडेंट पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें सामाजिक रूप से आत्मसंकोच, आलोचना का डर और अकेलापन शामिल है।
  • डिपेंडेंट पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें अत्यधिक आश्रित व्यवहार, निर्णय लेने में कठिनाई और समर्थन की आवश्यकता शामिल होती है।
  • पैरानोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर: इसमें दूसरों की नीयत पर गहरा शक, भरोसे में कमी और लगातार खतरे का अहसास शामिल होता है।

इन विकारों के विकास में आनुवांशिक कारक, मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन और बचपन के अनुभव जैसे कारक भूमिका निभाते हैं। अपर्याप्त रिश्तों और असंगत पालन-पोषण से जुड़ी परेशानियाँ व्यक्तित्व विकार के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

उपचार में दीर्घकालिक मनोचिकित्सा शामिल होती है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT), डायलेक्टिकल बिहेवियर थेरेपी (DBT) और स्कीमा थेरेपी प्रभावी मानी जाती हैं। फार्माकोलॉजिक सपोर्ट, जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स या मूड स्टेबलाइजर्स, लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

थेरेपी का लक्ष्य मरीज को स्व-चिंतन, सहानुभूति विकास और वैकल्पिक व्यवहारिक रणनीतियाँ सिखाना होता है। परिवार चिकित्सा और समर्थन समूह, सामाजिक समर्थन और रिश्तों में सुधार के लिए लाभकारी हैं।

उपयुक्त उपचार और निरंतर अनुशासन के साथ, व्यक्तित्व विकार वाले लोग आत्म-निर्भरता, बेहतर संबंध कौशल और जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार देख सकते हैं।

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