ओपिओइड उपयोग विकार मैट

ओपिओइड उपयोग विकार मैट

दवा-सहायता प्राप्त उपचार (Medication-Assisted Treatment, MAT) ओपिओइड उपयोग विकार (Opioid Use Disorder, OUD) के इलाज के लिए व्यवहारिक चिकित्सा को दवाओं के साथ मिलाकर एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाता है। इसका उद्देश्य लत से जुड़े शारीरिक लक्षणों जैसे कि निर्जलीकरण, चिंता और दर्द को कम करना तथा वापसी (relapse) की संभावना घटाना है।

MAT में मुख्यतः मेथाडोन, ब्यूप्रेनोर्फिन और नाल्ट्रेक्सोन का उपयोग होता है। मेथाडोन पूर्ण अगोनिस्ट के रूप में कार्य करता है और OUD वाले रोगी को स्थिरता प्रदान करता है। ब्यूप्रेनोर्फिन एक आंशिक अगोनिस्ट है, जो ओपिओइड रिसेप्टर्स को सीमित रूप से सक्रियकरता है, जिससे ओवरडोज़ का जोखिम कम होता है। नाल्ट्रेक्सोन एंटागोनिस्ट है, जो रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देता है और ओपिओइड के प्रभावों को रद्द कर देता है।

MAT का सफल क्रियान्वयन एक बहु-विशिष्टीय टीम द्वारा किया जाता है, जिसमें मनोचिकित्सक, नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट और परामर्शदाता शामिल होते हैं। रोगी को नियमित रूप से दवा की खुराक, दुष्प्रभाव की निगरानी और जीवनशैली परामर्श दिया जाता है। साथ ही, मतिवेशनल इंटरव्यू (Motivational Interviewing), कोग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी (CBT) और समूह थेरेपी की मदद से मानसिक और सामाजिक समर्थन मिलता है।

CBT तकनीक रोगी को उनकी आत्म-विनाशकारी सोच और व्यवहारों की पहचान करने में सहायता करती है तथा उन्हें सकारात्मक विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित करती है। मतिवेशनल इंटरव्यू से रोगी के भीतर परिवर्तन की प्रेरणा जागृत होती है। समूह थेरेपी में रोगी अनुभव साझा करते हैं और सामूहिक समाधान खोजते हैं, जिससे अकेलापन कम होता है।

उपचार की शुरुआत एक विस्तृत आकलन के साथ होती है, जिसमें मेडिकल इतिहास, मांसपेशियों और न्यूरोलॉजिकल परीक्षण, और मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन शामिल है। इस जानकारी के आधार पर एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाई जाती है जिसमें दवा वितरण अंतराल, चिकित्सा सत्र और फॉलो-अप तय होते हैं।

MAT के वैज्ञानिक लाभों में ओवरडोज़ से बचाव, आत्महत्या के रुझान में कमी, और सामाजिक तथा कार्यस्थल पर सहभागिता में वृद्धि शामिल है। लम्बे समय तक उपचार (एक वर्ष या उससे अधिक) अधिक स्थायी परिणाम प्रदान करता है और रोजगार की संभावनाएँ बढ़ाता है।

दुष्प्रभाव और दवा के दुरुपयोग को सीमित करने के लिए सख्त मानक और निगरानी तय की जाती है। इसमें नियमित रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण और डॉक्टर की व्यक्तिगत जाँच शामिल हैं। रोगी को साथ ही तनाव प्रबंधन, पोषण, और व्यायाम संबंधी परामर्श भी मिलता है।

काफी मामलों में, जब रोगी स्थिर हो जाता है तो धीरे-धीरे दवा की मात्रा घटाने की समीक्षा की जाती है। हालांकि, यह तभी संभव होता है जब रोगी मजबूत समर्थन प्रणाली और व्यवहारिक कौशल विकसित कर चुका हो। कई रोगियों के लिए DOH (निर्धारित ओपिओइड देखभाल) के रूप में Maintenance-MAT लम्बी अवधि का विकल्प हो सकता है।

निष्कर्षतः, दवा-सहायता प्राप्त उपचार ओपिओइड उपयोग विकार के इलाज में विश्वसनीय और प्रभावी समाधान प्रदान करता है। एक समग्र, व्यावसायिक रूप से निगरानी योग्य और व्यक्तिगत योजना की सहायता से रोगी अपने जीवन को पुनः स्थिर कर सकते हैं और दीर्घकालिक पुनर्प्राप्ति की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

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