
पुरुषों को प्रभावित करने वाले मुद्दे सामाजिक मानदंडों, जैविक अंतर और व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियों के संयोजन से उत्पन्न होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक मानसिक मॉडल ऑफ़ मैस्क्यूलिनिटी है–काफी पुरुष 'सच्चा पुरुष' बनने के लिए मजबूर महसूस करते हैं, जिसमें धैर्य, भावनात्मक नियंत्रण, और कार्यक्षमता शामिल है, और इन मानकों को पूरा न कर पाने पर वे आत्म-संदेह का सामना करते हैं।
काम और निजी जीवन का संतुलन भी पुरुषों के लिए जटिल विषय है। सामाजिक अपेक्षाएँ उन्हें परिवार का मुख्य आर्थिक स्तंभ होने के लिए प्रेरित करती हैं, जिसके कारण लंबे कार्य घंटे और ओवरटाइम को प्राथमिकता दी जाती है। इससे तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली और व्यक्तिगत संबंधों में दूरी बढ़ती है।
पितृत्व एक नई जिम्मेदारी है, जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में परिवर्तन जुड़े होते हैं। नए पिता अक्सर नींद की कमी, समय प्रबंधन की चुनौतियाँ और परिवार के भीतर भूमिका परिवर्तन से जूझते हैं। पितृत्व सहायता समूह और परामर्श नए पिता को आत्मविश्वास और कौशल विकसित करने में सहायक होते हैं।
संबंधों में भावनात्मक निकटता बनाए रखना पुरुषों के लिए संघर्षपूर्ण हो सकता है। पारंपरिक मान्यताएं भावनाओं को व्यक्त करने में पुरुषों को हतोत्साहित करती हैं, जिससे संचार में रुकावटें, अविश्वास और गहरे कनेक्शन का अभाव होता है। नवाचारी संचार तकनीकें और कपल थेरेपी इस चुनौती को दूर करने में मदद करती हैं।
यौन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे–जैसे इरेक्टाइल डिसफ़ंक्शन, प्रीमेच्योर इजेक्युलेशन, या लैबिडो में कमी–पुरुषों के आत्म-सम्मान और रिश्तों को प्रभावित करते हैं। चिकित्सीय परामर्श, दवा या जीवनशैली में बदलाव इस समस्या का समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ–उदासी, चिंता और बर्नआउट–पुरुषों में आम हैं, लेकिन उपचार से जुड़ी कलंक पुरुषों को मदद लेने से रोकती है। शारीरिक लक्षण, जैसे सिरदर्द या पेट दर्द, ध्यान आकर्षित करते हैं, जबकि भावनात्मक उपचार और सपोर्ट ग्रुप मानव संपर्क और काउंसलिंग प्रदान कर सकते हैं।
मादक पदार्थों का दुरुपयोग–अल्कोहल, तंबाकू, या अन्य नशीले पदार्थ–भी तनाव और अवसाद से निपटने का एक गलत उपाय बन जाता है। आधारभूत कारणों का इलाज और व्यसन सेवा हस्तक्षेप इस समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं।
सामाजिक पृथक्करण, विशेषकर उम्र बढ़ने के साथ, पुरुषों में अकेलेपन का कारण बनता है। सेवानिवृत्ति, मित्रों का अलगाव, या पारिवारिक जिम्मेदारियाँ कम होने के कारण पुरुष सामाजिक गतिविधियों से कट सकते हैं। सामुदायिक केंद्रों, पुरुष क्लबों और स्वयंसेवी कार्यक्रमों से जुड़ाव पुनर्स्थापित कर सकता है।
पुरुषों के लिए समर्पित परामर्श और जीवन कोचिंग उन्हें जटिल सामाजिक भूमिकाओं में दिशानिर्देश प्रदान करता है। समूह कार्यशालाएँ, डिजिटल मंच और व्यक्तिगत कोचिंग, पुरुषों को आत्म-प्रतिबिंब, लचीलापन और जीवन की चुनौतियों से निपटने की रणनीतियाँ सीखने में मदद करते हैं।