इंटरनेट की लत

इंटरनेट की लत

इंटरनेट लत (Internet Addiction) उस स्थिति को कहते हैं जिसमें व्यक्ति की इंटरनेट उपयोग की आवृत्ति और अवधि इतनी बढ़ जाती है कि उसके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कर्तव्यों का निर्वाह प्रभावित होता है। इसमें ऑनलाइन गेमिंग, सोशल मीडिया, वीडियो स्ट्रीमिंग और diğer इंटरनेट गतिविधियां शामिल हो सकती हैं। व्यक्ति, इंटरनेट न होने पर बेचैनी, चिड़चिड़ापन और चिंता महसूस कर सकता है।

इंटरनेट लत के लक्षणों में अत्यधिक स्क्रीन समय, नींद की कमी, व्यक्तिगत संपर्क से दूरी, कार्य या पढ़ाई में गिरावट, और व्यक्तिगत स्वच्छता की अनदेखी शामिल हैं। लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने से गर्दन, कमर और कंधों में दर्द, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

मनोवैज्ञानिक रूप से, लोग इंटरनेट का उपयोग तनाव, अकेलापन या नकारात्मक भावनाओं से बचने के लिए कर सकते हैं। ऑनलाइन दुनिया में प्राप्त होने वाला त्वरित आनंद और सामाजिक स्‍वीकारोक्ति, अस्थायी रूप से आत्म-सम्मान को बढ़ाती है, परंतु दीर्घकाल में व्यक्ति के भीतर असंतोष और अवसाद को बढ़ा सकती है।

उपचार में संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। थैरेपिस्ट, व्यक्ति को उनकी इंटरनेट उपयोग आदतों और विचारों का विश्लेषण करने, अव्यवहारिक मान्यताओं को पहचानने और उन्हें बदलने में मदद करता है। इसके अलावा, माइंडफुलनेस और प्रगति-आधारित मांसपेशियों की विश्रांति (PMR) जैसी तकनीकें लत से जुड़ी बेचैनी को कम करने में सहायक होती हैं।

डिजिटल डिटॉक्स अप्रोच का उपयोग करके इंटरनेट उपयोग के लिए सीमित समय निर्धारित किया जा सकता है। परिवार और मित्रों का समर्थन, गतिविधियों में भागीदारी और ऑफलाइन रुचियों को पुनर्जीवित करना, व्यक्ति को संतुलन पुनःस्थापित करने में मदद करता है।

समूह थेरेपी और सपोर्ट ग्रुप्स, जहां समान अनुभव वाले लोग मिलकर अपनी चुनौतियों को साझा करते हैं, प्रेरणा और व्यवहारिक सुझाव प्रदान करते हैं। यह सामुदायिक समर्थन भावनात्मक मजबूती बढ़ाता है और अकेलेपन की भावना को कम करता है।

स्कूल और कार्यस्थलों पर जागरूकता प्रशिक्षण और स्वस्थ तकनीकी उपयोग शिक्षा, प्रारंभिक चरण में जोखिम संकेतों की पहचान करने में मदद कर सकती है। स्वस्थ दिनचर्या में पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार शामिल करना, समग्र मानसिक स्वास्थ्य में सहायक होता है।

अंततः, इंटरनेट लत से निजात पाने के लिए व्यक्ति को अपनी मूल भावनात्मक जरूरतों को पहचानना और उन्हें सकारात्मक तरीके से पूरा करना सीखना चाहिए। इस संतुलन से इंटरनेट का उपयोग नियंत्रित रहेगा और व्यक्ति का जीवन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही दृष्टिकोण से समृद्ध होगा।

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