
खाने संबंधी विकार (Eating Disorders) मानसिक स्वास्थ्य की ऐसी स्थितियाँ हैं जो अविरल और असामान्य भोजन संबंधी व्यवहारों से चिह्नित होती हैं, जो व्यक्ति के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। प्रमुख प्रकारों में एनोरक्सिया nervosa, बुलिमिया nervosa और बिंज ईटिंग डिसऑर्डर शामिल हैं।
एनोरक्सिया nervosa में व्यक्ति को अत्यधिक वजन बढ़ने का भय होता है और वह खाने से विशेष रूप से बचता है। शरीर के प्रति विकृत धारणाएं और कैलोरी पर अत्यधिक नियंत्रण, अत्यधिक वजन घटाने और कुपोषण की स्थिति उत्पन्न करती हैं। हार्मोनल असंतुलन, हृदयगति संबंधी समस्याएं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी जटिलताएं आम हैं।
बुलिमिया nervosa में व्यक्ति बार-बार अत्यधिक मात्रा में भोजन करता है और फिर आत्म-उत्प्रेरित उल्टी, लक्सेटिव दवाओं का सेवन या अत्यधिक व्यायाम के माध्यम से उस भोजन का मुआवजा करता है। इस व्यवहार से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, एसिड रिफ्लक्स, दांतों का क्षरण, और आंतरिक घाव जैसी जटिलताएं उत्पन्न होती हैं।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर में व्यक्ति नियंत्रण खोकर बहुत अधिक भोजन करता है, लेकिन कोई मुआवजा व्यवहार नहीं करता। यह विकार मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। साथ ही, आत्म-सम्मान में गिरावट, उदासी और चिंता जैसी मानसिक चुनौतियाँ भी सामने आती हैं।
इन विकारों का उपचार बहु-आयामी होता है, जिसमें चिकित्सा, पोषण संबंधी परामर्श और मनोचिकित्सा का समन्वय शामिल होता है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT), पारिवारिक-आधारित थेरेपी और इंटरपर्सनल थेरेपी (IPT) प्रमुख रूप से उपयोग की जाती हैं। पाचन और स्वास्थ्य की नियमित निगरानी, पोषण विशेषज्ञों द्वारा संतुलित आहार योजना, और आवश्यकतानुसार एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का सेवन सुनिश्चित किया जाता है।
पारिवारिक समर्थन, सहकर्मी समूह और समुदाय-आधारित सहायता कार्यक्रम रोगियों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं जहाँ अनुभव साझा करके उपचार को प्रभावी बनाया जा सकता है। पुनर्वास के बाद का समर्थन, नियमित मानसिक स्वास्थ्य जांच और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव, पुनरावृत्ति रोकने में सहायक होते हैं।
अत्यधिक खाने के व्यवधान, भोजन से इनकार या अतिव्यापी भोजन संबंधी चिंताएँ देखी जाएँ तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें। समय पर हस्तक्षेप करने से दीर्घकालिक जटिलताओं से बचा जा सकता है और पूर्ण स्वास्थ्य पुनर्प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।