एस्पर्जर सिंड्रोम

एस्पर्जर सिंड्रोम

एस्परगर सिंड्रोम, जिसे अब ‘ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर – उच्च कार्यशील स्तर’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, भाषा एवं बुद्धि के अपेक्षाकृत सामान्य विकास के साथ सामाजिक‑संचार चुनौतियों और सीमित‑दोहराए जाने वाले रुचियों/व्यवहारों का अनूठा संयोजन प्रस्तुत करता है। कोई बच्चा शेक्सपियर के उद्धरण याद रख सकता है, पर सहपाठी की भौहें उठी देख अर्थ न समझ पाए; वह ट्रेन समय‑सारिणी के मिनट‑स्तर के अंतर पर घंटों मग्न रह सकता है, पर कक्षा में समूह‑कार्य उसे घबरा देता है।

तंत्रिका‑विकास संबंधी शोध दर्शाते हैं कि सोशल ब्रेन नेटवर्क (एमिग्डाला, प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, टेम्पोरो‑पैरिएटल जंक्शन) में कनेक्टिविटी पैटर्न भिन्न होते हैं, जिससे सामाजिक संकेतों का त्वरित ‘कोड‑स्विच’ कठिन हो जाता है। साथ ही, संवेदी अति‑संवेदनशीलता – पंखे का लगातार घुँघरु जैसा शोर, फ्लोरोसेंट लाइट की झिलमिलाहट – दैनिक जीवन को थका सकती है। आनुवंशिकता महत्त्वपूर्ण है, पर प्रारंभिक स्वीकृति, संरचित दिनचर्या और रुचि‑आधारित शिक्षा तनाव‑कुशन का काम कर सकती है।

निदान प्रायः देर से होता है: विद्यालय में “प्रतिभाशाली पर अजीब”, या वयस्कता में “सोशल awkward” के लेबल के पीछे वास्तविक कारण छिपा रहता है। समग्र मूल्यांकन में बाल‑इतिहास, संवेदी प्रोफाइल, दोहराए जाने वाले पैटर्न, परस्पर संवाद की सूक्ष्मताएँ शामिल होती हैं। सही पहचान राहत देती है: व्यक्ति अपनी ‘भिन्नता’ को विकलांगता से अधिक विविधता रूप में देख पाता है।

हस्तक्षेप बहु‑आयामी होना चाहिए। सामाजिक‑परिचर्चा कौशल प्रशिक्षण – आँख मिलाना, भाव‑भंगिमा पहचानना, वार्तालाप में टर्न‑टेकिंग – को चरणबद्ध रूप में सिखाया जाता है। संवेदी एकीकरण थेरेपी, डीप‑प्रेशर उपकरण या नॉइज़‑कैंसलिंग हेडफोन संवेदी अतिव्यथा घटाते हैं। विद्यालय/कार्यालय में स्पष्ट समय‑सारिणी, दृश्य‑सहायता, शांत ब्रेक‑स्पेस और परिवर्तन से पूर्व अग्रिम सूचना, संघर्ष की संभावना कम करती है। करियर मार्गदर्शन, विशेषकर STEM और डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में, रुचि‑आधारित कौशल को सफलतापूर्वक बाजार से जोड़ता है।

साथ‑साथ अक्सर मिलने वाले अवसाद, चिंता, ध्यान‑अभाव/अति‑सक्रियता विकार (ADHD) के लक्षणों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। अनुकूलित CBT, सामाजिक‑संबंधमय ACT, या दवाएँ (न्यून‑मात्रा SSRI) सहायक हो सकती हैं। सहकर्मी‑समूह और ऑनलाइन कम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म (जैसे “Aspie क्लब”) साझा अनुभव और आत्म‑स्वीकृति बढ़ाते हैं।

महत्त्वपूर्ण यह है कि समाज, पारिवारिक प्रणाली और कार्यस्थल ‘न्यूरो‑डाइवर्सिटी’ के सिद्धांत अपनाएँ। जब संगठन स्पष्ट निर्देश, सीधी प्रतिक्रिया और शक्तियों पर केन्द्रित परियोजनाएँ उपलब्ध कराते हैं, तो एस्परगर व्यक्तियों की तेज विश्लेषण क्षमता, गहरी एकाग्रता और मौलिक दृष्टिकोण फलते‑फूलते हैं। इस प्रकार, चुनौती अवसर में बदल जाती है – अलग तारों वाली यह मस्तिष्कीय रचना नवाचार और सटीकता में अद्वितीय योगदान दे सकती है।

संदेश भेजने के लिए आपको लॉग इन होना होगा
लॉगिन साइन अप करें
अपनी विशेषज्ञ प्रोफ़ाइल बनाने के लिए, कृपया अपने खाते में लॉग इन करें।
लॉगिन साइन अप करें
हमसे संपर्क करने के लिए आपको लॉग इन होना होगा
लॉगिन साइन अप करें
एक नया प्रश्न बनाने के लिए, कृपया लॉग इन करें या एक खाता बनाएँ
लॉगिन साइन अप करें
अन्य साइटों पर साझा करें
कोई इंटरनेट कनेक्शन नहीं ऐसा लगता है कि आपका इंटरनेट कनेक्शन टूट गया है। पुनः प्रयास करने के लिए कृपया अपना पृष्ठ ताज़ा करें। आपका संदेश भेज दिया गया है